महाकुंभ 2025: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन प्रयागराज में शुरू
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आधिकारिक शुभारंभ हो चुका है। इस ऐतिहासिक आयोजन में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है और इससे लगभग 2 ट्रिलियन रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है। फरवरी 2025 तक चलने वाला यह महाकुंभ न केवल दुनिया का सबसे बड़ा समागम होगा, बल्कि भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक शक्ति को भी वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करेगा।
व्यापक आर्थिक प्रभाव:
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय सचिव प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, महाकुंभ 2025 वैश्विक धार्मिक अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा केंद्र बनेगा। इससे प्रयागराज की स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन, परिवहन, और अन्य संबंधित उद्योगों को बड़ा लाभ मिलेगा।
दिल्ली से ही इस आयोजन के लिए लगभग 40,000 करोड़ रुपये का सामान सप्लाई किया जाएगा। इस आयोजन के व्यापार योगदान का विस्तृत विवरण इस प्रकार है:
आवास और पर्यटन: 40,000 करोड़ रुपये
खाद्य और पेय पदार्थ: 20,000 करोड़ रुपये
धार्मिक वस्तुएँ: 20,000 करोड़ रुपये
परिवहन और रसद: 10,000 करोड़ रुपये
पर्यटन सेवाएँ: 10,000 करोड़ रुपये
हस्तशिल्प और स्मृति चिन्ह: 5,000 करोड़ रुपये
स्वास्थ्य सेवाएँ: 3,000 करोड़ रुपये
आईटी और डिजिटल सेवाएँ: 1,000 करोड़ रुपये
मनोरंजन और मीडिया: 10,000 करोड़ रुपये
स्थानीय और राष्ट्रीय विकास का इंजन:
महाकुंभ 2025 सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह रोज़गार के नए अवसर पैदा करेगा, पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगा, और उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “महाकुंभ 2025 न केवल आस्था और आध्यात्मिकता का केंद्र है, बल्कि यह भारत की आर्थिक और सांस्कृतिक ताकत का प्रमाण भी है।”
भारत की वैश्विक पहचान मजबूत करेगा:
यह महाकुंभ भारतीय आध्यात्मिकता की धरोहर को प्रदर्शित करने के साथ-साथ वैश्विक धार्मिक अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा। महाकुंभ 2025, प्रयागराज को एक बार फिर से वैश्विक मानचित्र पर आध्यात्मिक और आर्थिक शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
Mahakumbh 2025 in Prayagraj, the world’s largest spiritual gathering, is expected to generate Rs 2 trillion in trade, boosting industries like tourism, transportation, and handicrafts.