19 जुलाई को, जब अंतरिक्ष यान Al Amal को जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया , तो इसने न केवल अंतरिक्ष विज्ञान में UAE की सफलता को चिह्नित किया, बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए अरब राष्ट्र के प्रवेश की पहल भी की। वास्तव में, UAE ने मिशन के साथ एक दोहरा इतिहास बनाया। सबसे पहले, इसने अंतरिक्ष विज्ञान क्रांति में एक अरब राष्ट्र के प्रवेश की घोषणा की , इससे भी बड़ी बात यह है कि इसे एक एमीरती महिला ने बख्शा था।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी की मदद से मोहम्मद बिन राशिद अंतरिक्ष केंद्र में बनाए गए मंगल ग्रह के अंतरिक्ष यान को 33 वर्षीय सारा अल-अमीरी द्वारा निष्पादित किया गया था, जो UAE मंत्रिमंडल में उन्नत विज्ञान राज्य मंत्री भी हैं। यह इंटरप्लेनेटरी मिशन में अरब दुनिया की गहरी दिलचस्पी को दर्शाता है।
12 साल की एक लड़की सारा का सफर जो एंडरोमेडा गैलेक्सी, मिल्की वे की सबसे नज़दीकी आकाशगंगा की तस्वीर को देखने के लिए उत्सुक्ता से मंत्री की भूमिका के लिए और अब मंगल मिशन की अगुवाई ,अंतरिक्ष सपनों के प्रति उसकी अटूट लगन के कारण है । उनके सपनों को तब बल मिला, जब एक कंप्यूटर इंजीनियर सारा, एडवांस्ड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के लिए एमिरेट इंस्टीट्यूशन में शामिल हो गईं। वह संयुक्त अरब एमिरेट के पहले उपग्रह निष्पादन का एक हिस्सा बन गयी । 2016 में, वह एमिरेट साइंस काउंसिल की सदस्य बनीं। अंतरिक्ष अन्वेषण में उनकी रुचि और कौशल ने उन्हें मंत्रिस्तरीय भूमिका के लिए प्रेरित किया। सारा का कहना है कि यूएई एक ऐसी सुविधा देता है जहां राष्ट्र अंतरिक्ष व्यवसाय की संभावनाओं का उपयोग करेगा, विज्ञान में अगली पीढ़ी की रुचि पैदा करेगा, और नवाचारों का एक हिस्सा होगा जो मानव जाति को अंतरिक्ष में ले जाएगा।
यूएई ने 2017 में मंगल मिशन की घोषणा की। दिलचस्प बात यह है कि सारा की टीम में लगभग 80 फीसदी अंतरिक्ष इंजीनियर और तकनीशियन महिलाएं थीं। यूएई के अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी खंड में सारा ने एक छाप छोड़ दि है , जो अधिक अरब महिलाओं को अंतरिक्ष का सपना देखने के लिए प्रेरित करती हैं।