केंद्रीय बजट 2025: स्टार्टअप और MSME के लिए बड़ा बूस्ट, जानें नई घोषणाएं
भारत का केंद्रीय बजट 2025 स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसायों (MSMEs) को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार है। ₹10,000 करोड़ का फंड ऑफ फंड्स (FoF) और आसान टैक्स नीतियों जैसी घोषणाएं देश में नवाचार और रोजगार सृजन को गति देने के लिए बनाई गई हैं। ये पहल स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाने के साथ-साथ MSMEs को प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार में स्थापित करने में मदद करेंगी। आइए विस्तार से जानें इन नई योजनाओं का भारत के आर्थिक परिदृश्य पर क्या असर होगा।
1. स्टार्टअप्स के लिए ₹10,000 करोड़ का नया फंड ऑफ फंड्स (FoF)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने के लिए अतिरिक्त ₹10,000 करोड़ के FoF की घोषणा की। इस फंड का उद्देश्य स्टार्टअप्स को उनके विभिन्न विकास चरणों—बीज निवेश से लेकर विस्तार तक—आर्थिक सहायता देना है। इसके साथ ही विदेशी निवेश पर निर्भरता को कम करने पर भी जोर दिया गया है।
पहली बार 2016 में FoF की शुरुआत के बाद से भारत में 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हुए हैं। इस कदम से उभरते स्टार्टअप्स को पर्याप्त फंडिंग मिलने की उम्मीद है।
2. घरेलू निवेश को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन
नए फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से सरकार का लक्ष्य है कि घरेलू उद्यम पूंजी को प्रोत्साहन दिया जाए। वित्त मंत्री ने कहा कि यह कदम स्टार्टअप्स के लिए घरेलू पूंजी का प्रवाह बढ़ाएगा और भारत को एक प्रतिस्पर्धी स्टार्टअप हब बनाने में मदद करेगा। यह पहल स्टार्टअप इंडिया मिशन 2016 के विजन के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य भारत को नवाचार का ग्लोबल सेंटर बनाना है।
3. MSME के लिए विकास और रोजगार के नए अवसर
स्टार्टअप्स के अलावा, सरकार ने MSME सेक्टर को भी प्राथमिकता दी है, जो भारत की अर्थव्यवस्था का रीढ़ है। बजट में MSME के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे 5.7 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसायों को फायदा मिलेगा।
यह कदम MSMEs को अपने कारोबार का विस्तार करने और नए बाज़ारों में प्रवेश करने में मदद करेगा। जॉब क्रिएशन को बढ़ावा देने के लिए यह पहल एक अहम भूमिका निभाएगी।
4. महिलाओं और SC/ST उद्यमियों के लिए विशेष योजनाएं
सरकार ने व्यापार क्षेत्र में कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों को सशक्त बनाने के लिए ₹10,000 करोड़ का नया फंड लॉन्च किया है। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के उद्यमियों को फाइनेंशियल सपोर्ट देना है।
इसके साथ ही, पहली बार स्टार्टअप्स शुरू करने वाले इन समूहों के उद्यमियों को विशेष सहायता दी जाएगी। यह कदम स्टार्टअप इकोसिस्टम में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देगा।
5. MSME के लिए टेक्नोलॉजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट
डिजिटल युग में MSME के लिए तकनीकी क्षमताओं में सुधार आवश्यक है। बजट में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत MSME को डिजिटल टूल्स अपनाने, ऑटोमेशन में निवेश करने और नए बाजारों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, व्यापार करने में आसानी के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत करने का वादा किया गया है। सरकार का यह प्रयास MSME को तेजी से प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार में स्थापित करने में मदद करेगा।
नवाचार और विकास की ओर एक मजबूत कदम
केंद्रीय बजट 2025 यह दर्शाता है कि सरकार भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम और MSME सेक्टर को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। ₹10,000 करोड़ के FoF, तकनीकी सपोर्ट और कम प्रतिनिधित्व वाले उद्यमियों के लिए विशेष योजनाएं देश को एक इनोवेशन पावरहाउस बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं।
इन नई पहलों से भारत एक ऐसा वातावरण बना सकेगा जो नवाचार, जॉब क्रिएशन और सतत विकास को बढ़ावा दे सके। अगर सही दिशा में कार्यान्वयन हुआ तो भारत जल्द ही स्टार्टअप और MSME के लिए ग्लोबल लीडर के रूप में उभर सकता है।
Union Budget 2025 introduces a ₹10,000 crore Fund of Funds to boost startups, support MSMEs, and promote domestic investment. Learn how these measures will fuel innovation and job creation.