भारतीय रेलवे ने 1,200 हॉर्सपावर क्षमता वाली हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे दुनिया की सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन बताया है। उन्होंने बताया कि जहां दुनिया के केवल चार देश हाइड्रोजन ट्रेन इंजन बना रहे हैं, भारत का यह इंजन 1,200 हॉर्सपावर की अद्वितीय क्षमता के साथ अन्य देशों के 500-600 हॉर्सपावर इंजनों को पीछे छोड़ता है।
हरियाणा के जींद-सोनीपत रूट पर दिसंबर 2024 तक इस ट्रेन का ट्रायल रन होने की उम्मीद है। यह कदम पर्यावरण अनुकूल परिवहन के क्षेत्र में भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हाइड्रोजन ट्रेनें पारंपरिक डीजल या इलेक्ट्रिक इंजनों की तुलना में ज्यादा स्वच्छ और टिकाऊ हैं। ये हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाओं का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करती हैं, जो शून्य उत्सर्जन के साथ हाइड्रोजन को ऑक्सीजन के साथ मिलाकर ऊर्जा पैदा करती हैं। इससे यात्रा अधिक शांत, स्वच्छ और कुशल हो जाती है।
भारतीय रेलवे 2025 तक 35 हाइड्रोजन ट्रेनों को विभिन्न मार्गों पर संचालित करने की योजना बना रहा है। यह पहल न केवल रेलवे के कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी, बल्कि यात्री क्षमता और गति में भी सुधार लाएगी। यह कदम भारत की टिकाऊ और पर्यावरण के प्रति जागरूक परिवहन प्रणाली की दिशा में एक बड़ा योगदान है।
Indian Railways unveils the world’s most powerful hydrogen-powered train engine with 1,200 horsepower. Trial run set for December 2024 on the Jind-Sonipat route, advancing eco-friendly transport solutions.