Zerodha और True Beacon के सह-संस्थापक निखिल कामथ ने हाल ही में LinkedIn के सीईओ रयान रोसलांस्की के साथ अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा की। हाई स्कूल ड्रॉपआउट से अरबपति वित्तीय उद्यमी बनने तक के सफर में उन्होंने अपनी असफलताओं और सफलताओं से मिली सीख पर चर्चा की। कामथ ने बताया कि उनका पहला व्यवसायिक प्रयास स्कूल के दिनों में ही शुरू हुआ था, लेकिन उनकी माँ ने इसे बंद करवा दिया।
कामथ की उद्यमशीलता की भावना 9वीं कक्षा में ही जाग गई थी। उन्होंने एक सेलफोन बेचकर लाभ कमाया और उसी पैसे से अधिक फोन खरीदकर उन्हें फिर से बेचने का प्रयास किया। हालांकि, यह प्रयास असफल रहा, लेकिन इससे उन्होंने मूल्यवान सबक सीखे।
स्कूल छोड़ने के बाद, कामथ ने कॉल सेंटर में रात की नौकरी शुरू की, जहां उन्होंने स्टॉक ट्रेडिंग का हुनर सीखा। अपने सहकर्मियों के लिए निवेश प्रबंधन करते हुए उन्हें एहसास हुआ कि वे पारंपरिक वित्तीय मॉडल को चुनौती दे सकते हैं। इस सोच के साथ, उन्होंने Zerodha की सह-स्थापना की।
कामथ का मानना है कि असफलताएँ ही असली शिक्षक होती हैं। उनके अनुसार, सफलता अक्सर आत्मसंतुष्टि ला सकती है, जबकि असफलताएँ विकास और सीखने का मार्ग प्रशस्त करती हैं। अपने अनुभवों से सीखने की उनकी ललक ने उन्हें एक सफल उद्यमी बनने में मदद की।
निखिल कामथ की कहानी आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है कि असफलताओं से घबराने के बजाय उनसे सीखें और आगे बढ़ें।
Discover how Nikhil Kamath, co-founder of Zerodha, rose from a high school dropout to a billionaire entrepreneur. Learn about his setbacks, lessons from failure, and vision to empower individuals in finance.