रतन टाटा ने 1998 में इंडिका को लॉन्च करके भारत के ऑटोमोटिव परिदृश्य में एक नया अध्याय लिखा, क्योंकि यह देश की पहली स्वदेशी कार थी। किफायती वाहनों के प्रति उनका दृष्टिकोण 2008 में नैनो के जरिए साकार हुआ, जिसकी कीमत 1 लाख रुपये थी, जो उस समय की सबसे सस्ती कार थी।
टाटा का निजी कार संग्रह
अपनी पेशेवर उपलब्धियों से परे, रतन टाटा के पास एक अद्वितीय कार संग्रह था, जिसमें उन्हें अक्सर मुंबई में शानदार वाहनों, जैसे फेरारी और होंडा, चलाते देखा जाता था। उन्हें बाईं ओर से चलने वाली कारों का विशेष शौक था।
रतन टाटा द्वारा चलाई गई शीर्ष तीन कारें
फेरारी कैलिफोर्निया
यह प्रतिष्ठित लाल रंग की हार्डटॉप कन्वर्टिबल, 4.3-लीटर V8 इंजन से लैस, 490 BHP का उत्पादन करती थी और टाटा के गति के प्रति प्रेम का प्रतीक थी।
मर्सिडीज-बेंज SL500
एक अन्य प्रमुख कार, मर्सिडीज-बेंज SL500, एक स्टाइलिश बाएं हाथ से चलने वाली हार्डटॉप कन्वर्टिबल थी। 5.5-लीटर V8 इंजन के साथ 306 BHP की क्षमता के कारण, इसने हाई-एंड कन्वर्टिबल के प्रति टाटा की पसंद को दर्शाया।
होंडा सिविक
टाटा ने अपनी लग्जरी कारों के साथ-साथ दैनिक उपयोग के लिए होंडा सिविक भी चलाई। यह विश्वसनीय और व्यावहारिक थी, जिसमें 1.8-लीटर इंजन था और इसे अक्सर 5-सितारा होटलों के आसपास देखा जाता था।
एक स्थायी विरासत
रतन टाटा का भारत के ऑटोमोटिव उद्योग पर गहरा प्रभाव और कारों के प्रति उनका जुनून उनकी दूरदर्शिता को रेखांकित करता है, जो आने वाले वर्षों में कार उत्साही लोगों को प्रेरित करता रहेगा।
Discover Ratan Tata’s influence on India’s automotive industry with iconic cars like the Indica and Nano, and explore his personal car collection, including luxury models like the Ferrari California and Mercedes-Benz SL500.