नासा का कहना है कि 2024 में एक महिला चांद पर उतरेगी। नासा की योजना 2824 बिलियन डॉलर की आर्टेमिस परियोजना के जरिए 2024 तक महिला अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर लाने की है। यह 1972 के बाद से चंद्रमा पर उतरने वाला पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष यान होगा। ग्रीक पौराणिक कथाओं में अपोलो की जुड़वां बहन आर्टेमिस चंद्रमा की देवी हैं। 1969 में नासा का अपोलो मिशन चंद्रमा पर उतरा। आर्टेमिस मिशन इस तथ्य के लिए उल्लेखनीय है कि किसी भी महिला ने कभी भी चंद्रमा पर पैर नहीं रखा है।
आर्टेमिस I मिशन को 2021 में लॉन्च किया जाएगा। अंतरिक्ष यात्रियों के बिना टेस्ट उड़ानें चंद्रमा की परिक्रमा करेंगी। अवलोकन में लगभग एक महीना लगेगा। इसका उद्देश्य 2023 में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ जाने वाले आर्टेमिस II मिशन का मार्ग प्रशस्त करना है। केवल आर्टेमिस III में यात्री होंगे। नासा ने 2021 में चंद्रमा को अपनी खोज के हिस्से के रूप में रोबोट भेजने की भी योजना बनाई है। आर्टेमिस मिशन में अभिनव अंतरिक्ष सूट होंगे जो अपोलो यात्रियों की तुलना में अधिक लचीले हैं। स्पेस लॉन्च सिस्टम या एसएलएस रॉकेट का उपयोग करके लॉन्च किए जाने वाले आर्टेमिस मिशन के लिए ओरियन अंतरिक्ष यान का उपयोग किया जाएगा। नासा का कहना है कि अंतरिक्ष यान पूरा हो चुका है और अंतिम परीक्षण के लिए कोर स्टेज और संलग्न रॉकेट तैयार किए जा रहे हैं।
आर्टेमिस मिशन उन महिला अंतरिक्ष यात्रियों को तैनात करेगा जो नासा के अंतरिक्ष अभियानों में पहले ही भाग ले चुके हैं। दो में से एक टीम का चयन किया जाएगा। नासा ने कहा है कि अंतरिक्ष यात्रा में अनुभव रखने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी और उचित प्रशिक्षण दिया जायेगा । मिशन से दो साल पहले टीम का चयन किया जाएगा।
नासा का मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी और बर्फ की उपस्थिति का परीक्षण करना है। इसके उपयोग से रॉकेट ईंधन के निर्माण की संभावना का भी पता लगाया जा सकेगा। नासा चांद पर आर्टेमिस बेस कैंप स्थापित करके एक दीर्घकालिक खोज का लक्ष्य भी बना रहा है।