बच्चों के लिए उपयोग किये जाने वाले diapers उपयोग के बाद फेंक दिए जाते हैं ,जो की पर्यावरण को दूषित करते हैं ।सिर्फ इतना हीं नहीं बाजार में उपलब्ध ऐसे कई diapers हैं जो कि शिशु की नाज़ुक त्वचा को हानि भी पहुँचा सकते हैं ।2012 में पेशे से marketing अद्यापक रह चुके कृष्णा को अपने एक साल के बेटे के लिए कपड़े का diaper गिफ्ट के तौर पर मिला जिसे उनकी बहन US से लाई थी ।इस diaper से कृष्णा और उनकी पत्नी काफी संतुष्ट थे क्योंकि उस diaper में बेबी काफी COMFORTABLE था ।तभी कृष्णा के मन में ये विचार आया कि क्यूँ ना ऐसे diaper का निर्माण हम भारत में करे जो की reusable होने के कारण पर्यावरण को दूषित भी नहीं करेगा ।6 साल हो गए bumberry की नींव पड़े ।ग्राहकों द्वारा काफी सराहे गए इस ब्रांड कि पहली manufacturing unit भारत के kochi में स्टार्ट की गई। bumberry के उपभोक्ता सबसे ज़्यादा मुंबई और बैंगलुरु में हैं ।2013 में पहली बार bumberry को भारत में amazon और lulu fashion stores ने introduce किया ।उसके बाद first cry.com ने अपने platform में bumberry diapers को बेचने की अपनी इच्छा प्रकट करते हुए आगे आये । सिर्फ दो लोगों से शुरू की गयी इस कंपनी में अभी 35 स्टाफ काम करते हैं। 2019 केअंत तक 1000 stores में bumberry को पहुँचाने का लक्ष्य रखते हैं कृष्णा ।
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