COVID-19 और लॉकडाउन के दौरान भारत एक टीम के रूप में उभर कर सामने आया है । हर एक व्यक्ति और हर एक उद्यम इस महामारी से लड़ने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रहे हैं।उनमें से एक है भारतीय रेलवे ।
दवाओं के निर्बाध परिवहन से लेकर डिब्बों को COVID-19 वार्डों में रूपांतरित करने तक, भारतीय रेलवे राहत गतिविधियों में सबसे आगे रहा है।चिकित्सा उपकरणों के परिवहन केलिए रेलवे ने मदद की।दवाइयां, मास्क, अस्पताल के उपकरण और वस्तुओं को समय-समय पर पार्सल सेवा के माध्यम से पहुंचाया गया ।लॉकडाउन के दौरान 1,150 टन चिकित्सा वस्तुओं का परिवहन करने में रेलवे सक्षम रहा ।संगरोध सुविधाओं को पूरा करने के लिए, भारतीय रेलवे ने ट्रेन के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित कर दिया।सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए खाद्यान्न की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, रेलवे ने पिछले वर्ष की तुलना में खाद्यान्न को लोड करने की मात्रा दोगुनी कर दी।
25 मार्च से 17 अप्रैल तक 4.2मिलियन टन से ऊपर खाद्यान्न लोड किये गए ।हेल्थकेयर श्रमिकों के लिए एक बड़े समर्थन के रूप में, रेलवे की उत्पादन इकाइयों ने PPE किट का निर्माण शुरू किया। अकेले मई में 1 लाख पीपीई बनाने की योजना है।इस बीच, भारतीय रेलवे ने हाल ही में ज़रूरत मंद लोगों को मुफ्त भोजन के वितरण में 2 मिलियन का आंकड़ा पार किया।विभिन्न क्षेत्रों से IRCTC रसोई का उपयोग करते हुए, रेलवे ने अप्रैल 2020 में 20.5 लाख से अधिक भोजन वितरित किए। इन सभी कार्यो ने इस कठिन समय में लाखों लोगों की मदद की है।हालांकि भारत भर में रेल सेवाएं ठप हैं, लेकिन जब देश की सेवा करने की बात आती है तो भारतीय रेल हमेशा तैयार रहती है।भारतीय रेलवे एक आदर्श है जिसका कई लोग अनुकरण कर सकते हैं।
दवाओं के निर्बाध परिवहन से लेकर डिब्बों को COVID-19 वार्डों में रूपांतरित करने तक भारतीय रेलवे सबसे आगे
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