देश के सबसे अधिक खपत उत्पाद प्याज और आलू को लॉकडाउन की वजह से , किसानों को सस्ते दामों पर बेचना पड़ रहा है।
प्याज का बाजार भाव 34 से 40 तक होने पर भी किसान को इसे मामूली कीमतों पर बेचना पड़ रहा है।
कर्नाटक में कृषि व्यवसायियों के एक समूह ने किसानों को होने वाले नुकसान के समाधान के लिए नए विपणन चैनल खोले हैं।19 रुपये प्रति किलोग्राम पर वे केरल सहित अन्य राज्यों में खुदरा व्यापारियों को प्याज की आपूर्ति करने की कोशिश कर रहे हैं। ये बाजार में 37% प्याज की आपूर्ति करते है ।प्याज के उत्पाद के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे है।कर्नाटक की 2300 मीट्रिक टन के साथ 9% की बाजार हिस्सेदारी है।
चित्रदुर्ग, धारवाड़, हावेरी और बागलकोट से एक चौथाई प्याज बिक्री के लिए लाये जाते है। राज्यों जैसे केरल और तमिलनाडु में छोटे शहरों में, वे खुदरा विक्रेताओं को कम से कम 10 टन प्रदान कर रहें है।इस समूह का उद्देश्य किसानों के लिए एक अच्छी आय सुनिश्चित करना है।महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसान अपनी फसल की लागत का आधा हिस्सा भी नहीं कमा पा रहें है।देश के सबसे बड़े प्याज़ का बाजार नासिक जहाँ हर दिन काफी प्याज पहुँचता है लेकिन प्याज ज्यादा दिनों तक ताज़ा न रह पाने की वजह से ये किसानों को मुश्किल में डाल देता है।