लॉकडाउन के बाद क्या होगा? सब की जिज्ञासा इसी ओर हैं.खासतौर पर बिजनेस सेक्टर.
संभवतः कोरोना से पहले और बाद में एक समय तक.लोग अब व्यापार के लिए आधुनिक तकनीक के महत्व को समझने लगे हैं.ये समय हमें वित्तीय अनुशासन सीखा रहा हैं.
यदि कोई कंपनी बंद हो जाती है, तो भी निश्चित खर्चे होंगे .उसकी भरपाई करनी होगी.इनमें वे लोग शामिल हैं जिन्होंने वर्किंग कैपिटल को खर्च किया है.लॉकडाउन हमें वर्किंग कैपिटल को अनुशासित करना सिखाता है.लॉकडाउन के बाद कंपनी के बैलेंस शीट के एसेट पक्ष पर एक रिजर्व फंड कॉलम भी बनाये.ऐसे मामलों में, कम से कम दो महीने तक काम करने के लिए आवश्यक धन अलग किया जाना चाहिए.
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ऐसे कानून को अपनाने की संभावना है.इस तरह के रिजर्व फंड्स से कंपनियों को फायदा होगा.राशि कितनी हो ये सरकार तय करें वहीं उचित होगा.ऐसे फंड की मदद से , आसानी से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया जा सकता है.ऑडिटर हर साल 31 मार्च को इस फण्ड के विषय में बैंक को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की संभावना है.