Novel कोरोना वायरस ने वैश्विक व्यापार क्षेत्रों को एक बड़े संकट में डाल दिया है। जैसा कि हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा व्यक्त किया गया है कि प्रमुख क्षेत्रों के धीमा होने के कारण, वैश्विक अर्थव्यवस्था एक आसन्न मंदी के खतरे में है ।लॉकडाउन की इस कठिन स्थिति का सामना कैसे करें? सही दिशा निर्देशन के साथ Nanjunda Pratap Palecanda
लॉकडाउन एक कठिन स्थिति है।आगे क्या होगा?हम कहाँ जा रहे हैं?सच कहा जाये तो हमें पता नहीं कि ये लॉकडाउन की स्थिति कब तक बनी रहेगी ।क्या ये 15 अप्रैल तक ही रहेगा या फिर और आगे बढ़ेगा ?जो भी हो एक बात तो पक्की है कि यह एक लंबा विराम नहीं है।ये समय भी गुज़र जाएगा ।हमें पुनः आरंभ करना होगा।लेकिन स्थिति पहले जैसी नहीं होगी ।काफी बदलाव हर क्षेत्र में होंगे।
सबसे बड़ी चुनौती संतुलन बनाये रखना
MSME उद्यमी के लिए क्या है? स्टार्टअप्स के लिए हालात कैसे होंगे ?नए उद्यमी या फिर जो अभी व्यवसाय शुरू करना चाहते है किन -किन बातों पर ध्यान देने की ज़रूरत है । कुछ बातों पर विचार करते है – सबसे पहली बात ये कि स्टार्ट अप्स की सबसे बड़ी चुनौती क्या होने वाली है ?निश्चित रूप से सही वक़्त आएगा ।सबसे बड़ी चुनौती संतुलन बनाये रखना है ।बैंकों से ऋण प्राप्त करने में कठिनाई होगी।हालांकि MSME के लिए योजनाएं हैं।क्या विकल्प बचे हैं?अधिक व्यवसायों को आकर्षित करना कठिन होगा,क्योंकि, वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी बेहतर स्थिति में नहीं है ।
खुद के साथ ईमानदार रहें
दूसरी बात ये कि चालू परियोजनाएँ शायद जारी ना रह पाए।अगर वो आगे बढ़ते है तो स्थिति पहले जैसी नहीं होगी ।लागत भिन्न हो सकती है-प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी,कीमतों में बदलाव आएगा ,चुनौतियाँ बढ़ जाएगी।अपने अगले चरण पर ध्यान दें कि क्या मुझे सभी संसाधनों को बनाए रखना चाहिए?या कुछ चीज़ो को जाने देना चाहिए ?इस वक़्त झूठे वादे काम नहीं करेंगे।लॉकडाउन के दौरान आप प्राप्य, ग्राहक शक्ति और सभी के बारे में एक आकलन करें ।ग्राहकों से अपने विचार साँझा करें और साथ में अन्य विकल्पों की तलाश भी करें।अपने संसाधनों पर एक उम्मीद रखे ।और सबसे प्रमुख बात अपने कर्मचारियों और खुद के साथ ईमानदार रहें।खुद को झूठा दिलासा ना दें सच्चाई का सामना करें और आगे बढ़े।