ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना के चंगुल में फसता जा रहा है तब पुणे की वायरोलॉजिस्ट मीनल दखावे भोसले ने कोरोना संक्रमण की पुष्टि या फ्लू के लक्षणों वाले रोगियों की जांच के किट का निर्माण किया ।अपनी बेटी को जन्म देने के एक दिन पहले तक मीनल शोध कार्यो में व्यस्त थी ।इस समर्पण ने भारत को उसका पहला टेस्टिंग किट प्रदान किया ।माईलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन की मुख्य वायरोलॉजिस्ट मीनल और उनकी टीम, ने 6 महीने का काम सिर्फ ६ सप्ताह में करके सब को चौका दिया ।परीक्षण किट के मंजूरी के लिए नेशनल वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में भेजे जाने के अगले दिन मीनल ने एक बच्ची को जन्म दिया।
एनआईवी और सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन और फूड एंड ड्रग अथॉरिटी की मंजूरी के साथ ही किट को औद्योगिक आधार पर बनाने की मंजूरी मिल गई है।पुणे स्थित मायलैब ने केंद्र सरकार को आश्वासन दिया है कि वह एक सप्ताह में एक लाख किट विकसित करेगी।अभी कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए चार से आठ घंटे का समय लगता है लेकिन मायलैब द्वारा विकसित पाथो डिटेक्ट कोविड 19 क्वालिटी पीसीआर किट के माद्यम से रोग की जाँच दो घंटे में की जा सकती है ।
कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) टेस्ट से होती है।वर्तमान में आयातित किट का उपयोग कोविड परीक्षण के लिए किया जाता है।इसकी कीमत 4500 रुपये तक है।पाथो डिटेक्ट किट की लागत 1200 रु है।इस किट की खासियत यह है कि एक किट से 100 सैंपल्स का परीक्षण किया जा सकता है ।वर्तमान में, देश में कोविड परीक्षण किटों की काफी कमी है।
कंपनी ने पुणे, मुंबई, गोवा, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहरों में पाथो डिटेक्ट वितरित करने की योजना बनाई है।