मौसम के बदलाव का सबसे बड़ा शिकार किसान होता है । सूखे के कारण सूख रहे जलस्रोत उनकी फसलों को नुकसान पहुँचाते है ।संकल्प ग्रामीण विकास सोसाइटी, एक ऐसा स्टार्टअप है जो अपनी बोरवेल रिचार्जिंग अवधारणा के माध्यम से पानी की कमी के मुद्दों का समाधान खोज रहा है।संकल्प बोरवेल रिचार्ज, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग और प्योरवाटर जैसी परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारों की संभावनाओं पर प्रकाश डालता है।
स्टार्टअप “संकल्प ” जल संरक्षण में कैसे मदद करता है?
यह बोरवेल को रिचार्ज करने के लिए ट्विन रिंग सिस्टम है। बोरवेल को रिचार्ज करने के साथ- साथ वर्षा के जल को संग्रहित किया जा सकता है।यह कम लागत वाली तकनीक है।यहाँ तक कि 800 फीट गहरे कुएं से भी अब पानी नहीं निकलता है।लाखों रूपए खर्च करके लोग बोरवेल का निर्माण कर रहे हैं लेकिन बाद में पुरानी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। लेकिन “संकल्प” 30,000 रुपये की लागत से मौजूदा बोरवेलों को रिचार्ज कर रहा है।बारिश के मौसम के अंत तक, इन कुओं को निरंतर पानी प्राप्त होगा। कुएं के निचले भाग में चट्टानें होने की वजह से पुनर्भरण संभव है।यदि कृषि योग्य भूमि है, तो जल स्टर्लिंग के लिए एक विशेष क्षेत्र की आवश्यकता पड़ेगी ।यदि बोरवेल ऊंचाई पर स्थित है, तो रिचार्जिंग संभव नहीं है। आवरण पाइप के साथ इस तरह की जगह में ड्रिल करके ,इन भागों को बजरी से भरने के बाद आवरण पाइप स्थापित किया जाता है ।
इसके बाद इसमें सीमेंट के छल्ले लगाए जाते है ।पांच रिंग को कुएं के पास एक – एक कर रख दिया जाता है ।इसके बाद, पाइपलाइन को पास के पानी के स्रोत से पहली रिंग से जोड़ा जाता है ।जब पहला कुआँ भर जाएगा तो दूसरा कुआँ पानी को छानने का काम करता है ।कुओं तक पानी के पहुँचने आवाज सुनी जा सकती है।यह एक बहुत ही सरल तकनीक है।बोरवेल स्थापित करते समय, प्रति फीट 300 रुपये की लागत लगती है ।”संकल्प” 30,000 रुपये में कुओं का पुनर्भरण करता है । रिचार्जिंग के लिए आवश्यक सामग्री की सूची व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी जाती है ।दो दिन के अंदर हीं कंपनी अपना काम पूरा कर देती है ।
देश में पानी की समस्या को दूर करना
संकल्प के संस्थापक सिकंदर मीरानायक के अनुसार, बोरवेल रिचार्ज की इस प्रौद्योगिकी के माध्यम से उन्होंने 10 राज्यों में 18,850 बोरवेल में पानी की आपूर्ति की है।नए बोरवेल बनाने की लागत 80 ,000 रुपये तक होती है लेकिन “संकल्प” 30,000 रुपये की लागत से मौजूदा बोरवेलों को रिचार्ज कर रहा है।देशपांडे सामाजिक उद्यमिता कार्यक्रम में भाग लेने के बाद सिकंदर मीरानायक को वैचारिक ग्रामीण विकास समाज बनाने की प्रेरणा मिली । सिकंदर के इस बोरवेल पुनर्भरण के स्टार्टअप ने भारत के सैकड़ों किसानों की मदद की है। इस परियोजना का लक्ष्य प्रति वर्ष 1000 बोरवेल को रिचार्ज करके 2030 तक देश में पानी की समस्या को दूर करना है ।