2014 में राधिका और भरत पाटिल के घर एक नया मेहमान आया ।उन्होंने महसूस किया कि बच्चा आराम से नहीं सो पा रहा हैं ,और एक अच्छे पालने के लिए दोनों ने दुकानों का चक्कर लगाना शुरू किया , लेकिन निराशा हीं हाथ लगी ।राधिका और भरत जो पेशे से इंजीनियर हैं अपने काल्पनिक पालने को खुद बनाने का फैसला किया ।cotton साडी और metal rod के उपयोग से पालने के prototype का निर्माण किया और साथ में टेक्नोलोजी को भी मिलाया ।उस पालने के निर्माण ने उन्हें लाकर खड़ा कियाCradlewise start up की ओर।
बच्चोंको सुखद निद्रा देने वाली Cradlewise पालने में baby monitor , safety alerts ,sleep analytics जैसी सुविधायें मौजूद हैं ।बहुत बार एक्सपेरिमेंट्स करके ,बच्चों की निद्रा के बारे में रिसर्च करके ,paediatrician से सलाह लेने के बाद Cradlewise पालने का निर्माण किया ।आज भारत में हर जगह मिलने वाली Cradlewise को लोग स्मार्ट पालना भी कहते हैं ।
बच्चों की नींद अचानक खुल जाने पर खुद ब खुद हिलने लगता हैं ।बच्चों के लिए माँ का स्पर्श जैसी अनुभूति देता हैं Cradlewise।बच्चों के जागने पर डिटेक्ट करने के लिए सेंसर हैं ।हर एक बार जब भी बच्चा उठता हैं तो ये पालना धीरे धीरे और सावधानी के साथ हिलना शुरू कर देता हैं ।अगर बच्चे ने अपनी नींद पूरी कर ली और वो रोने लगे तो ये माता पिता को मोबाइल app Cradlewise के ज़रिये अलर्ट कर देता हैं ।इस app कि सहायता से सोते हुए बेबी को देखा भी जा सकता हैं ।मधुर संगीत सुन कर सोने कि व्यवस्था भी इस पालने में की गयी हैं ।बच्चों के नींद की गहराई मापने वाला sleep analytics भी इसमें मौजूद हैं ।इसकी सहायता से बच्चों को सुखद निद्रा मिल रही हैं या नहीं पता लगाया जा सकता हैं ।
जब बच्चों को भरपूर नींद मिलती हैं तभी माता पिता अपना अन्य काम कर सकते हैं और साथ में अपनी नींद पूरी कर पाएंगे .हर माँ इस तकलीफ के दौर से गुज़रती हैं ,और उनकी सहायता करना ये भी एक लक्ष्य हैं राधिका और भरत का ।बंगलौर IISC मेंclassmates ,projectmates और बाद में lifemates बने राधिका और भरत Cradlewise start up के कोफाउंडर बने, ये एक संयोग मात्र था ।बैंगलोर स्थित Cradlewise में electronics ,mechanical एवं artificial intelligence के इंजिनीयरों का एक बढ़िया टीम काम करता है .